वैदिक गणित दुनिया की सबसे तेज मानसिक गणित प्रणाली है जो सटीक गणनाएं करनें में आपकी मदद करती है।
भारत स्वर्णिम विरासत की भूमि है। भारत ने दुनिया को बहुत बहुमूल्य रत्न जैसे योग (जो कि आज एक अरबों डालर का उद्योग है), आयुर्वेद (यह भी कई अरबों ड़ॉलर की इंडस्ट्री है), और यहां तक कि चिकन टक्का भी ( एक ट्रिलियन डॉलर इंडस्ट्री है)
हम भारतीय दुनिया भर में अपने शानदार क्रिकेट और गणित कौशल के लिए जाने जाते हैं। हों भी क्यों न? आखिर सचिन, शून्य और दशमलव प्रणाली हमारी ही देन है। गणित के सूत्र स्पष्ट रूप से वह रहस्य हैं जिनके माध्यम से प्राचीन भारतीयों ने 5000 साल पहले सपने दिखाए थे, यह प्रणाली स्पष्ट रूप से सदियों से छिपी हुई थी और पचास साल पहले दक्षिण भारत के जंगलों में एक विद्वान द्वारा फिर से खोज ली गई थी। तो आप कह सकते हैं कि यह हाल ही की या 20 वीं सदी की घटना है।
इन गणित के सूत्रों में आपकी गणनाओं की गति तेज करने, आपको आत्मविश्वास देने और गणित को आनंददायक बनाने की शक्ति है। गणित के ये सूत्र ठीक उसी तरह आपकी पढाई में मदद करेंगे जैसे कि पतंजलि के योग सूत्र किसी का स्वास्थ्य अच्छा करने में करते हैं।
तो ये सू्त्र क्या है? असल में वे कहाँ से आए हैं। आइए इसके बारे में थोडा और जानते हैं।
सूत्र का अर्थ ऐसे मूल विचार से है जो कि संक्षिप्त या यादगार रूप में लिखा गया है। इसलिए गणित सूत्र मूल रूप से संक्षिप्त सूत्र हैं जो अंकगणित और बीजगणित से संबंधित हैं। इनमें से 16 सूत्र ऐसे हैं जिन्हें विद्वान तीर्थजी द्वारा खोजा गया।
इस तकनीकी युग में ये सूत्र कितने प्रासंगिक हैं।
हर बीतते साल के साथ वैदिक गणित का दायरा बढ़ता जा रहा है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर अब अधिक से अधिक छात्र वैदिक गणित का प्रयोग कर रहे हैं जिससे पूर्ण विकसित संख्यात्मक संकट पैदा हो गया है। यहां पर मैं कुछ आश्चर्यजनक आंकड़े प्रस्तुत कर रहा हूँ, इन पर विचार करें,
भारत के कक्षा 5 के सभी बच्चों में से 75.2% बच्चे भाग नहीं कर पाते हैं।( 3 अंकीय संख्या में 2 अंकीय संख्या का भाग देने के सवाल) स्रोत- ASFR 2012 By pratham.
भारत में कक्षा 3 के 73.7% बच्चे घटाना नहीं कर पाते (दो अंकीय सवाल, हासिल लेने वाले सवाल) स्रोत- ASFR 2012 by pratham.
लगभग आधे ब्रिटिश नागरिक ग्यारह साल या उससे भी अधिक उम्र में गणित का कौशल सीख पाते हैं। UK में यह संख्या सत्रह मिलियन है
स्रोत- The Telegraph UK.
अफ्रीका के राष्ट्रीय सीनियर सर्टिफ़िकेट परीक्षा में सफलता दर 46.3% है
देश में गणित एक राष्ट्रीय आपदा है।
कई देशों में गणित का डर है कि हमारे बच्चे गणित नहीं कर पाते हैं। यहाँ पर वैदिक गणित अपनी सरलता और सहज भाव के कारण बिल्कुल उपयुक्त साबित होती है।
वैदिक गणित की मदद से मैनेजमेंट इंजीनियरिंग, बैंकिंग, वित्त या कानून के क्षेत्रों से संबंधित परीक्षाओं को पास कर उनमें कैरियर बनाना आसान हो जाता है।
वैदिक गणित की समझ हर किसी के लिए संभावनाओं की एक नयी दुनिया का मार्ग खोलती है। पहले जो सवाल बच्चों को बहुत कठिन और डरावने लगते थे ये सब सवाल अब उनके लिए एक खेल जैसे हो गए हैं। ये शुरुआत में सुनना थोड़ा जादुई और अविश्वसनीय जरूर लगता है परन्तु इसके पीछे भी कुछ लॉजिक और सिद्धांत हैं।
ज्यादातर सूत्र, जब आप उन्हें प्रयोग करते हैं, दर्शनीय होते है जैसे “वर्टिकली और क्रॉसवाइज सूत्र”। बडे. गुणा करने मे बढ़ाया और छोटे दो अंकीय संख्या का दो अंकीय संख्या में गुणा करने के लिए सूत्र को घटाया भी जा सकता है। इस विजुअल पैटर्न से सूत्र को याद रखना और अभ्यास करना बहुत आसान हो जाता है।
मेरी पिछले 18 साल से भी अधिक वर्षो की वैदिक गणित के क्षेत्र में यात्रा बहुत शानदार रही है। इस यात्रा ने न केवल मुझे कई बहुत ही दिलचस्प लोगों से मिलवाया, बल्कि पूरी दुनिया में सात समंदर पार की यात्रा भी करने का अवसर प्रदान किया।
और मैं जहाँ कहीं भी गया, मुम्बई के धारावी की बस्तियों में या दक्षिण अफ्रीका में केपटाउन के भव्य कैसिनों में या न्यूयॉर्क के वॉलस्ट्रीट में मुझे उन सभी को बांधे रखने के लिए एक ही डोर मिली – वैदिक गणित।
मुम्बई के धारावी में बच्चे लिए वैदिक गणित एक सरवाइवल कौशल है क्योंकि बच्चे को बहुत ही कम उम्र में अपनी जीविकोपार्जन के लिए कमाना पड़ता है। कैशिनों डीलर्स को निश्चित तौर पर गणनाएं करनें बहुत तेज होना पड़ता है। और स्टॉक मार्केट के लोगों को पल में निर्णय लेनें के लिए इसकी जरूरत है। लोगों को गणित से नफरत करने की मुख्य वजह है सही संचार (कम्यूनिकेशन) की कमी है। अगर इसे सही ढंग से समझा जाए और कांसेप्ट या अवधारणाओं को जुनून के साथ सिखाया जाए तो गणित का कोई डर समाप्त हो जायेगा और गणित बहुत ही मजेदार और दिलचस्प हो जाएगी।
हमारे कोर्स इसी दिशा में एक कदम हैं, इसमें हम सभी विचारों और तरीकों को स्पष्ट रूप से उदाहरणों के साथ बताते व समझाते हैं। मुझे पूर्णतय: विश्वास है कि आप पर वैदिक गणित के सूत्रों का प्रभाव अवश्य पड़ेगा।
Below are the Vedic Maths Sixteen Sutras in details along with their Sanskrit names
क्रमांक 1
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सूत्र एकाधिकेन पूर्वेण
निखिलं नवतश्यचरमं दशतः
उर्ध्वतिर्यम्भ्याम्
परावर्त्य योजयेत्
शून्य साम्यमुच्चये
अनुरुप्य शून्यमन्यत्
संकलनव्यवकलनाभ्यम् पूरणापूरणाभ्याम् चलनकलनाभ्याम् यावदूनम्
व्यण्टिसमष्टिः शेषाण्यड़केन चरमेण
सोपान्त्यद्यमन्त्यम्
एकन्यूनेन पूर्वेण
गणित समुच्चयः गुणकसमुच्चयः |
अर्थ पिछले वाले से एक अधिक सभी नौ से और अंतवाला दस से सीधा उर्ध्वाधर और तिरछा पक्षान्तरण तथा अनुप्रयोग जब योग समान होता है तब योग शून्य होता है। यदि एक अनुपात में है तो दूसरा शून्य है।
जोड़कर और घटाकर अपूर्ण को पूर्ण करके अंतर और समानताएं जितना कम है अर्थात विचलन भाग और संपूर्ण अंतिम अंक से अवशेष को अंतिम और अंतिम का दुगुना पहले से एक कम के द्वारा योग का गुणनफल, गुणनफलों के योग के बराबर दोनों का गणांक बराबर है गुणांकों के योग के |
अंकगणित, बीजगणित, ज्यमितीय और कैलकुलस के जितने भी ज्ञात प्रश्न हैं उन सभी को सिर्फ और सिर्फ इन सोलह सूत्रों की मदद से हल किया जा सकता है।
ये समझने में आसान, प्रयोग में आसान और याद रखने में भी आसान हैं। यह प्रणाली बहुत ही खूबसूरती के साथ परस्पर संबधित और एकीकृत है। इन सूत्रों के साथ काम करना मस्तिष्क के लिए लाभकारी हैं क्योंकि ये सूत्र मस्तिष्क को प्राकृतिक रूप से काम करने में सहायता करते हैं और इस तरह वे छात्रों को समाधान की उपर्युक्त विधि को निर्देशित करने में मददगार साबित हुए हैं। इसके द्वारा साधारण गणित की अपेक्षा 1500% तेज गति और गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी, शैक्षणिक प्रदर्शन और त्वरित उत्तर पाने में वृद्धि हो जाती है।
ये दिमाग को तेज करता है।
दिमागी चपलता और बुद्धि में बढ़ोत्तरी, बच्चों में कल्पना और एकाग्रता बढातें है।
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